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वो एक अनोखी रात

Writer's picture: Shivani ThakurShivani Thakur

alone girl in night and raining

उस रात उस बारिश के साथ, एक फरिश्ता मिला मुझे उन घनघोर बादलों के साथ

एक दिन बैठी खुले आसमान के नीचे, सब कुछ छोढ़ दिया मैने पीछे कर रही थी तारों से बात, खोल रही थी दिल के राज़ । झोंका हवा का आया तभी , उडा़ कर ले गया तारों को सभी छोड़ गया उन घनघोर बादलों को, और मै फिर रह गई अकेली उस अंधेरी रात को। गुज़रते उन बादलों के साथ, बैठी रही, रोती रही चिल्लाई मैं,चीखी मै पर अकेले ही सँभलती रही मै भी, उस बरसते पानी के साथ। बिजलि चमकी, बादल गरजे, माँनो कुछ कहना चाहते हों मुझसे । प्रयत्न कर रही थी समझने की उन्हें, पर समझ नहीं आ रही थी उनकी बात । डरा रहे थे बादल मुझे,समझा रहे थे वो मुझे दिखा रहे थे एक नया रास्ता उस रात उनके दिखाए रास्ते पर , आँख बंद कर चलती रही । थामा मेरा हाथ किसीने कौन था वो जाना नही मैने ! भूल कर सारी तकलीफ, उसके बाहों में लिपट गई मैं। एक नया जीवन मिला उस रात मुझे एक हमसफर मिला, जीवनसाथी का तो पता नहीं ! पर जीवन भर साथ ज़रूर रहेगा । उस रात उस बारिश के साथ, एक फरिश्ता मिला मुझे उन घनघोर बादलों के साथ । और वो एक अनोखी रात मेरे लिये अब तक की सबसे हसीन रात । 🌩🌚🌜💫



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