Jahnvi GuptaMay 7, 20201 min read🕊️Updated: May 11, 2020ये जिंदगी भी उस किताब-सी है, जिसके गुजरते पन्नों का गम भी है, नई कहानियों का उत्साह भी, और किताब खत्म होने का डर भी, बस नहीं है तो- बचें हुए पन्नों की गिनती , और उन पन्नों में कुछ देर ठहर के जीने की हिम्मत।। 🖋️Jahnvi Gupta
ये जिंदगी भी उस किताब-सी है, जिसके गुजरते पन्नों का गम भी है, नई कहानियों का उत्साह भी, और किताब खत्म होने का डर भी, बस नहीं है तो- बचें हुए पन्नों की गिनती , और उन पन्नों में कुछ देर ठहर के जीने की हिम्मत।। 🖋️Jahnvi Gupta
Begaaneजब तुम्हे जरूरत थी तो तुम्हारे पुकारने से पहले हाज़िर होते थे, तबीयत खराब तुम्हारी होती थी, रातों को हम ना सोते थे, कैसे भुला दिया वो दिन...
コメント